राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के विषय में
राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान ने देश के प्रमुख डेरी अनुसंधान संस्थान के रूप में विगत पांच दशकों के दौरान डेरी उत्पादन, प्रसंस्करण, प्रबंधन और मानव संसाधन विकास के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विशेषज्ञता विकसित की है। संस्थान में उत्पन्न सूचनाओं और प्रदत्त सेवाओं ने दुग्ध उद्योग के सम्पूर्ण विकास तथा लाखों दुग्ध उत्पादकों, दूध के उपभोक्ताओं और दूध उत्पादों की भलाई में योगदान दिया है। वैश्विक डेरी व्यापार की चुनौतीपूर्ण आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, संस्थान देश की बेहतर सेवा के लिए अपने अनुसंधान एवं विकास तथा मानव संसाधन विकास के कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए सतत प्रयत्नशील है।
अनुसंधान एवं प्रभाग
संस्थान की अनुसंधान एवं विकास गतिविधियाँ मुख्य रूप से डेरी के तीन मूलभूत पहलुओं पर ध्यान केंद्रित हैं, अर्थात बेहतर उत्पादकता के लिए डेरी पशुओं का उत्पादन और प्रबंधन, उपयुक्त दूध प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों और उपकरणों का नवाचार और डेरी किसानों और उद्यमियों को मौजूदा बाजार मांगों और व्यावहारिक प्रबंधन इनपुट के द्वारा जानकारी प्रदान करना जिससे डेरी एक आत्मनिर्भर, लाभदायक व्यवसाय बने |
1600 डेरी पशु
2 क्षेत्रीय केंद्र
विस्तारएवं सामाजिक जिम्मेदारी
डेरी विस्तार विभाग अस्तित्व में वर्ष 1961 में आया | उस समय इसमें सीमित स्टाफ थे तथा 1980 के दशक में इसका विस्तार हुआ | प्रारंभ में, विस्तार प्रभाग प्रसार सेवा-उन्मुख कार्य कर रहा था। 1972 में विभागाध्यक्ष और अनुसंधान अधिकारी के कार्यग्रहण करने के उपरान्त यहां स्नातकोत्तर शिक्षण और विस्तार में अनुसंधान के नए आयाम जोड़े गए।
सामाजिक कार्यक्रम
एनडीआरआई में शिक्षां
संस्थान डेरी विज्ञान के क्षेत्र में शैक्षणिक कार्यक्रम प्रदान करता है | वर्तमान समय में निम्नलिखित कार्यक्रम प्रदान किये जाते हैं |
- Admission 2021-22
- Registration & Offline Classes
- Atal Ranking of Institutions on Innovation Achievements (ARIIA)
- शैक्षणिक कैलेंडर
- प्रवेश / दाखिला
- शैक्षिक नियम – विनियम
- छात्रवृत्ति / फैलोशिप
- शैक्षिक कार्यक्रम
- फीस संरचना
- संकाय के लिए शैक्षणिक दिशानिर्देश
- पाठ्येत्तर गतिविधियां तथा विद्यार्थी कल्याण
- एंटी रैगिंग समिति / स्कवॉड
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AMS System Link
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एनडीआरआई मानद विश्वविद्यालय
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शैक्षणिक कैलेंडर
- एन डीआरआई न्यूज
- आगामी कार्यक्रम